प्रभु श्री राम ने किस आयु में रावण का वध किया था 

प्रभु श्रीराम किस आयु में वन को गए थे? इसका आपको वाल्मीक रामायण में आपको उदाहरण मिलेंगे। वाल्मीकि रामायण में जब प्रभु श्रीराम पांच वर्ष पांच महीने 5 दिन के हो जाते हैं तब ये गुरुकुल में प्रवेश करते हैं। 14 वर्ष की अवस्था में वे गुरुकुल से लौटते हैं और 15 वर्ष की अवस्था में वे ऋषि विश्वामित्र के साथ पहुंचते हैं। जनकपुर और उनका विवाह माता सीता से होता है।
15 वर्ष की अवस्था फिर वहाँ से लौटते हैं। अयोध्या में रहते हैं। वाल्मीकि कहते हैं कि अयोध्या में फिर राम 12 वर्ष तक रहे। मतलब जब प्रभु श्रीराम को वनवास हुआ तब वे 27 वर्ष के थे। यहाँ से मैं जाते हैं चित्रकूट और चित्रकूट में 11 साल 11 महीने, 11 दिन तक रहते हैं। वहाँ से फिर कारण होते हुए पंचवटी पहुंचते हैं और जब दुष्ट रावण माता सीता का हरण करके ले गया तब प्रभु श्रीराम की जो उम्र थी वो थी 40 वर्ष और जब दुष्ट रावण का अंत की ना प्रभु श्रीराम ने वो उम्र थी।
 41 वर्ष की उम्र में प्रभु राम ने रावण का वध किया था और अयोध्या आने के करीब 11 हजार साल तक राज किया था। श्री राम ने अपने और भाइयों के पुत्रों को अलग हिस्सों में राज्य करने भेजा सिर्फ अयोध्या अपने पास रक्खा , उनके जल में समाहित होने के बाद अयोध्या उजड़ गई जिसे कई सालों बाद फिर बसाया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *