कभी आपने सोचा की ज्यादातर समान के दाम 9 पर ही क्यों खत्म होते हैं
कभी सोच कर देखा दोस्तों शौपिंग करते वक्त ये चीजों के दाम हमेशा नाइन से क्यों खत्म होते हैं। नई टीशर्ट खरीदनी है, वन नाइन नाइन पिज्जा ऑर्डर करना है, थ्री नाइन नाइन फ़ोन रिचार्ज कराना है सेवन नाइन नाइन ये लोग राउंड कर देते अपने प्राइज इंसानों को, आदत है चीजों को लेफ्ट से राइट पढने की तो दुकान पर जब हम चीजों के दाम जल्दी जल्दी देख रहे होते हैं हम पहले डिजिट पर ज्यादा ध्यान देते है तो प्राइज अगर सेवन नाइन नाइन लिखा। हमें लगेगा सेवन हंड्रेड के आस पास है लेकिन सही प्राइज एट हंड्रेड का होता है। इस चीज को साइंटिफिकली भी प्रूव किया जा चुका है। 2012 की एक स्टडी ने बताया था स्टॉक मार्केट में जिन स्टॉक्स का प्राइज राउंड नंबर पर होता है उन्हें लोग कम खरीदते हैं। लेकिन जिनका प्राइज राउंड नंबर से एक सेंट कम होता है उन्हें लोग ज्यादा एक्सेसिव ली खरीदते हैं। एक और इंट्रस्टिंग रीजन 2014 की आई आई एम बेंगलुरु की स्टडी में पता लगा था। जिसमें पता लगाया की इंडियन कंज्यूमर्स चीजों को ज्यादा हाई वैल्यू मानते हैं जब उनका प्राइज नाइन से खत्म होता है। किसी भी चीज का प्राइज जीरो से खत्म होता एक ऐसी परसेप्शन आ जाती है कि ज्यादा हायर क्वालिटी का समान है।