एआई तकनीक क्रेटीव इंसान की नौकरी खा सकता हैं

 

पिछले दस सालो की समय सीमा देखे तो रोज नई तकनीक से हमारा सामना हुआ हैं हम यूपियाई से बिना इंटरनेट के पैसे लेने करना अभी सीख ही रहे हैं। फिर डिजिटल रुपया, इलेक्ट्रिकल गाड़ियां तो सदा जवान रहने की तकनीक जाने क्या क्या अभी ये सब ठीक से जान भी नही पाए की एक नई खोज एआई ने हमारे सामने आ कर बहुत जल्दी हमारे सामने एक नई क्रांति लाने को तैयार हैं।
एआई खासकर अध्ययन के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता हैं,इसकी शुरूआत सैन फ्रैंसिस्को में हुई यह संस्था एलन मस्क द्वारा आर्थिक रूप से पोषित हैं।
एआई कुछ महत्वपूर्ण चीज जैसे सीखना, बच्चों का अध्ययन,कोई लेख लिखना इत्यादि चीजों को बदल कर रख देगी। कई नौकरियां माने प्रोफेसर, प्रोग्रामर्स, ग्राफिक डिजाइनर से लेकर छोटे मोटे पत्रकार की नौकरियां खत्म हो सकती हैं।
ओपनएआई का सबसे जरूरी भाग हैं चैट जीपीटी, वैसे दिखने में साधारण काम असाधारण तरीके से करता हैं हम जैसे ही इससे कुछ  सवाल पूछते हैं ये उत्तर देता हैं ठीक गूगल की तरह, पर ये गुगल से अलग कैसे ।
दरसल गुगल किसी सवाल पर उससे जुड़े सारे जवाब खोल कर रख देता हैं कई बार हमे ये नही मालूम होता हैं की कौन सा जवाब सही हैं लेकिन वही चैट जीपीटी इसका लंबा और सटीक उत्तर दे सकता हैं जिससे आप अपने आलेख से लेकर रिपोर्ट तक तैयार कर सकते हैं।
यह नवंबर से फ्री उपलब्ध था अब इसका शुल्क भी वसूला जाएगा।
चैट जीपीटी आपके लिए कविता से लेकर फिल्म की पटकथा तक लिख सकता हैं यहां तक वो पेंटिग से लेकर लोगोज तक बना सकता हैं।
एआई के सामने क्रेटिव लोगो का भविष्य खतरे में हैं ऐसा सोचना सही नही हैं कंप्यूटर मनुष्यों की तुलना में तेजी से गणना कर सकता है लेकिन उसे चलाने वाले आदमी ही हैं से हम ऐसी आशा कर सकते है की हम मनुष्यों के सोचने और क्रेटीव दिमाग की बराबरी कोई एआई नही कर पाए
धीरज मिश्रा लेखक
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