फिल्म ‘प्यार के दो नाम’ का हुआ शानदार प्रीमियर



  • मुंबई , ४ मई २०२४:  “प्यार के दो नाम” एक  मॉडर्न डेज लव स्टोरी हैं। जो आज के युवाओं को नए सिरे से प्यार की परिभाषा बता रही है। मुंबई में इस फिल्म का शानदार प्रीमियर संपन्न हुआ। फिल्म के निर्माता विजय गोयल , लेखक निर्देशक दानिश जावेद, कलाकार भाव्या सचदेवा ,अंकिता साहू, अचल कुमार , कनिका गौतम, नमिता लाल, रोमा नवानी, रैनी आर्य के साथ साथ सुनील पाल और गुल्ल्क फेम अभिनेता जमील खान  भी मौजूद थे।

    रिलायंस एंटरटेनमेंट और जोकुलर एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड की इस फिल्म में विश्व के दो महान नेताओं की प्यार की परिभाषा को दर्शाया गया है। फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ या ‘एक दूसरे के साथ’ इस टैग लाइन पर आधारित हैं । इश्क़ सुभानअल्लाह सूफियाना, प्यार मेरा एवं सन्यासी मेरा नाम जैसे रोमांटिक सीरियल एवं फिल्मों के लेखक दानिश जावेद  द्वारा निर्देशित फ़िल्म “प्यार के दो नाम” एक आधुनिक प्रेम कहानी हैं जो युवाओं के बीच में प्यार को लेकर आधुनिक सोच को बहुत ही इमोशनल तरीके से प्रस्तुत करती हैं ।

    फ़िल्म के लेखक निर्देशक दानिश जावेद ने कहा कि यह फ़िल्म विश्व के दो महान नेताओ के सिद्धांतों पर आधारित आज की प्रेम कहानी हैं। आर्यन खन्ना और कायरा सिंह की इस प्रेम कहानी के ज़रिए “एक दूजे के लिए” या “एक दूसरे के साथ” इस सवाल का जवाब दर्शकों को मिलेगा।

    फ़िल्म के निर्माता विजय गोयल ने कहा कि ”इस फ़िल्म, प्यार के दो नाम  महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के प्रेम दर्शन के बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक अनोखी लव स्टोरी है।

    अभिनेता भव्या सचदेवा ने कहा कि ‘आज इस फिल्म का प्रीमियर है जिसे देख हम काफी खुश है।  हम अपने प्यार भरे सन्देश को युवाओं तक पहुँचाना चाहते है। जो इस लव स्टोरी के माध्यम से युवाओं तक पहुंचाने में सफल हुए है। हमने फ़िल्म की शूटिंग के समय एएमयू में बहुत ही अच्छा समय बिताया और कभी नहीं भूलने वाली यादों के साथ हमने यह फ़िल्म पूरी की।
    अभिनेत्री अंकिता साहू ने कहा कि “फ़िल्म में मेरा किरदार बहुत ख़ास हैं एक ऐसी लड़की जो कुछ अपने अतीत की वजह से प्यार के बारे में एक अलग नज़रिया रखती हैं निर्देशक दानिश जावेद जी ने हमे इस फ़िल्म के साथ एक बेहद खूबसूरत मौक़ा दिया । युवाओं के प्यार को देखने का एक नजरिया दिया है।

    फ़िल्म की शुरुआत अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैय्यद अहमद ख़ान के सम्मान में “विश्व शांति नेता” को चुनने के लिए एक सेमिनार की घोषणा के साथ होती है। कायरा सिंह और आर्यन खन्ना भी सेमिनार में भाग लेने आए है। पहली मुलाकात में दोनों के बीच खट्टी-मीठी लड़ाई शुरू हो जाती है, यहीं से दो विचारधाराओं का टकराव शुरू होता है। जहां कायरा इस बात पर अड़ी है कि अगर प्यार है तो हमें जिंदगी भर साथ रहना होगा, वहीं आर्यन का मानना है कि जब तक प्यार है, हम साथ रहेंगे, प्यार खत्म, साथ खत्म।

    फिल्म के लेखक निर्देशक दानिश जावेद ने कहा कि  दर्शकों इस फिल्म को सिनेमाघरों में आकर देखे। प्यार की परिभाषा को समझे।

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