शनिदेव के प्रकोप को कैसे कम करें

शनिदेव की छाया जब आपके पड़ती है तो हमेशा आपका नुकसान होता है, ये गलत मिथ्या है। सूर्य जो सूर्य देव है उनके रथ में साथी घोड़े क्यों है? आपको पता है हमारे पूर्वजों को बहुत सारी चीजें नासा के पता चलने के पहले से पता है।
आम आप लोगों ने कभी ध्यान दिया है कि शनिदेव की जहाँ भी आप कभी भी प्रतिमा देखेंगे तो वो काले पत्थरों से बनी होती है या काले रंग की होती है। इन फॅक्ट शनि देव का पूरा मंदिर भी ज्यादातर जगहों पे काले पत्थरों से या काले रंग से रंगा होता है। कारण क्या है?
इसके पीछे भी एक कारण है। एक वक्त था जब सूर्य देव की पत्नी उनसे दूरी बना रही थी, उनसे दूर जाना चाह रही थी और वो अपने माता पिता के पास लौट गई। जब वो अपने माता पिता के पास लौटी उसके पहले उन्होंने अपना एक क्लोन तैयार किया। एक प्रतिबिंब जिसका नाम उन्होंने रखा छाया और उसको समझाया कि सूर्य देव को ये पता नहीं चलना चाहिए कि मैं उनके आसपास नहीं हूँ। सूर्य देव को ये बात नहीं पता थी। सूर्यदेव ने छाया को अपनी पत्नी समझ के छाया के साथ जो बच्चे की है उनमें से एक बच्चे का नाम है शनि छाया मतलब
साया छाया मतलब?
शैडो। इसीलिए शनि देव जो हैं क्योंकि वो छाया के पुत्र हैं इसलिए काले हैं और आपने सुना होगा ये लाइन की शनि की छाया शनि की छाया वो छाया जो हैं वो शनि की माँ का नाम हैं ।
हनुमान जी की पूजा करना हनुमान जी की अगर आप भक्त है तो ये माना जाता है कि शनि का प्रकोप आप पे माइल्ड होता है, कम होता है। इसीलिए हर घर में हनुमान जी की पूजा सबसे ज्यादा होती है। हर घर में हनुमान चालीसा होता है क्योंकि शनि हनुमान भक्त को उस लेवल का नुकसान चाह के भी नहीं पहुंचा सकते जो बाकियों पे होता है। तो यह है शनि देव जिनकी माँ का नाम है छाया ये कारण है जिसके कारण उनका रंग काला माना जाता है। इसीलिए उनका मंदिर और उनकी मूर्तियां या काले रंग की हैं।

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