वाचमैन से सक्खू सीधा मुख्यमंत्री

कभी बिजली विभाग में वॉचमैन रहे फिर सीधा हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। बचपन में अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए अखबार और दूध बेचा , साधारण परिवार से आने वाले सक्खू कॉलेज के दिनों से ही राजनीति शुरू कर दी शुरुआत कांग्रेस की छात्र इकाई से हुई। जब से सुखविंदर विधायक बने हैं कभी भी सरकारी वाहन और गार्ड नही लिया , हमेशा अपनी अल्टो कार में घूमें यहां तक कि विधानसभा भी उसी से आते जाते थे। हिमाचल चुनाव जीतने के बाद भी कभी मीडिया में ये नही कहा की वो मुख्यमंत्री बनने की होड़ में हैं यही बात उनके पक्ष में गई । कांग्रेस को ऐसे ही साधारण परिवार से आने वाले लोग बड़ी पोस्ट के लिए चाहिए ताकि वो बीजेपी के सीधे हमले से बच सके की सब राज परिवार से आते हैं , बीजेपी गाँधी परिवार को लेकर ऐसे हमले करते रही हैं ।
सुखविंदर का जन्म हिमाचल के हमीरपुर में हुआ । पिता रसिल सिंह परिवहन निगम में ड्राइवर थे मां संसार देवी एक कुशल गृहणी। राहुल और प्रियंका ने सक्खू की मां को स्टेज पर बुलाकर सबसे परिचय भी करवाया।
सक्खू ने आगे की पढ़ाई करते हुए संजौली से कानून की डिग्री प्राप्त की और वॉचमैन की नौकरी के बाद हेल्पर बने । जून 1988 में सक्खू की शादी कमलेश ठाकुर से हुई और इनकी दो बेटियां हुई जो अभी दिल्ली में पढ़ाई कर रही हैं।
सुखविंदर को परिवार के लोग श्यामा भी बुलाते है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र के साथ इनकी कभी नहीं पटी अब उन्हीं के परिवार को एक तरफ रख कांग्रेस ने इन्हे मुख्यमंत्री बनाया। जब कांग्रेस तय किया था की सक्खू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा तब भी वीरभद्र का विरोध खुल कर सामने आया था जब उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की कांग्रेस ने घोषणा की वीरभद्र की पत्नि और वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा विरोध में थी लेकिन बाद में उन्हें मना लिया गया।
सक्खू ने 90 के दशक में परिवार की आर्थिक मदद के लिए पब्लिक फोन बूथ भी चलाया।
सक्खू ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2003 में जीता और हिमाचल के मुख्यमंत्री की कमान संभालने से पहले 2007,2017 और 2022 का विधानसभा चुनाव जीत चूके हैं । सुखविंदर कांग्रेस के ऐसे कार्यकर्ता रहे हैं जो मुख्यमंत्री बनने से पहले संघटन से लेकर विधायक हर पद पर रहें।

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