वरिष्ठ नेता शरद यादव का निधन

बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन हो गया है वो 75 वर्ष के थे उनकी मृत्यु की खबर को उनकी बेटी सुभाषिनीने  भी पुष्टि कर दी हैं उन्होंने ट्विटर पर लिखा पापा नही रहे । उनके जाने से राजनीति और उनके चाहने वाले लोगों में गहरा दुख है।

सोशल मीडिया पर उन्हे कई लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दुःख व्यक्त किया हैं।

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली।

शरद यादव एक  महान नेता थे उन्हे खासकर गरीबों और पिछड़ों का हितैसी माना गया   अपने कई दशक की राजनीति में काफी उतार चढ़ाव  देखा । बिहार के मुख्यमंत्री से लालू यादव के कई बार विरोध में रहे  साथ ही बिहार में लालू राज के चश्मदीद रहे थे, जेडीयू  की जमीनी राजनीति करते हुए उसे  मजबूत किया था , और कई अहम राजनीतिक घटनाओं में भाग लेते हुए उसके साक्षी रहे ।  शरद यादव का  जन्म 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में एक गांव में हुआ था।

छात्र जीवन से  इनकी राजनीति में दिलचस्पी रही और 1971 में  उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद  डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर शरद यादव ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और MISA के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में हिरासत में लिए गए।

छात्र राजनीति से संसद तक का सफर तय करने वाले शरद यादव ने मध्य प्रदेश मूल का होते हुए भी अपने राजनीतिक जीवन की धुरी बिहार और उत्तर प्रदेश की सियासत से बनाई। शरद यादव ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और फिर बिहार में अपना राजनीतिक दबदबा दिखाया और राष्ट्रीय राजनीति में अपना अलग स्थान बनाया।

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