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जोशी मठ के मकान जमीन में क्यों धंस रहे हैं 

देवभूमि लगातार अपनी आपदाओं की वजह से खबरों में हैं । अब उत्तराखंड जोशी मठ लगातार चर्चा में हैं वहां जगह-जगह पर जमीन धंसती जा रही है और मकान धंस रहे हैं और जमीनों में  बड़ी बड़ी दरारें आ गई हैं जिससे पानी निकल रहा है। तस्वीरें भय पैदा  करती हैं , पीड़ित  परिवारों को सुरक्षित जगहों  पर पहुंचा दिया गया है। हालात कितने भयावह है की  पूरे जोशीमठ में हर जगह ही जमीनें धंस रही हैं और बाजार बंद कर  हजारों लोग सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो एक टीम के साथ खुद वहां जाकर दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे।
भूवैज्ञानिकों की टीम को वहां हालत समझने के लिए रवाना कर दिया गया हैं।
आजतक में छपी खबर के अनुसार जोशीमठ के तहसीलदार रवि शाह ने जानकारी दी की जोशीमठ के मारवाड़ी क्षेत्र में मंगलवार, 4 दिसंबर की दोपहर के बाद से जमीन की दरारों से पानी निकलने लगा जो किसी सीवर का न हो कर भूमिगत जल हैं ।
आनन फानन में प्रशासन ने जेपी कंपनी कॉलोनी के करीब 35 घरों को खाली करा कर उन्हे सुरक्षित जगह भेज दिया गया । हर दिन न सिर्फ मकानों में दरारें बढ़ रही है। बल्कि मकान कुछ फिट तक जमीन में बैठ भी गए हैं । जिला प्रशासन ने अनुसार जोशीमठ के करीब 561 मकान दरार की चपेट में हैं यहां दो होटलों को भी बंद कर दिया गया है । लोगो में भय का माहौल है , सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए 4 दिसंबर को रात्रि में मशाल जलाकर जोशीमठ बाजार में प्रदर्शन हुआ ।
 विशेषज्ञों के अनुसार जोशीमठ समुद्र तल से करीब छह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सिस्मिक जोन 5 में आता है,   प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से काफी संवेदनशील है यहां पिछले कुछ दिनों में भूधंसाव में काफी तेजी आई है  घरों के गिरने का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 3000 लोग इससे प्रभावित है जल्द ही समस्या का कोई ठोस उपाय न सोचा गया तो  ये संख्या और भी बढ़ सकती हैं । जोशी मठ में इस वक्त कड़ाके की सर्दी पड़ रही है ऐसे में अपने घर से लोगों का बेघर होना बड़ी सोचनीय बात हैं ।

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