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राजू श्रीवास्तव का निधन एक अपूर्णीय क्षती हैं : धीरज मिश्रा

राजू श्रीवास्तव सिर्फ एक कमेडियन नही थे वो एक बेहतरीन इंसान थे मेरी उनसे आखरी मुलाकात लखनऊ फिल्म बंधु में हुई थी उनसे कई बार मिला था व्यक्तिगत तो नही लेकिन मधुर संबंध था । उस दिन और भी कई लोग आए थे जिस आत्मीयता से वो लोगो से मिल रहे थे वो काबिले तारीफ था। कोई उनके लिए देशी गुड़ उपहार स्वरूप लाया था उन्होने हम सबको चखाया। मेरी उनसे पहली मुलाकात सालो पहली हुई थी जब उनकी बेटी को बहादुरी के लिए पुरस्कार मिला था मैंने उस पर एक धारावाहिक बनाया था उन्होंने खूब सहयोग दिया।

राज श्रीवास्तव ने कामेडी का देशी करण कर दिया गया वो सालों से बिना फूहड़ता किए हुए हमारा मनोरंजन किया वो हमारे लिए ऐसी शून्यता छोड़ गए उसे भरना मुश्किल होगा। जब मैं कुछ दिन पहले लखनऊ में था तो उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिली उससे उनके ठीक होने के आसार थे फिर ये खबर आ गई।

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