गायत्री मंत्र का जन्म कैसे हुआ

क्या आप जानते है की गायत्री मंत्र का ओरिजन 1 छल के कारण हुआ था। कहा जाता है की गायत्री मंत्र की रचना महा ऋषि विश्वमित्र ने की थी। कहानियों के अनुसार ऋषि विश्व मित्र कई दिनों से गहरी तपस्या में लीन थे। उनके ध्यान से उनकी बढ़ती हुई शक्ति को देखकर देवराज इन्द्र को अपना सिंहासन छिन जाने का डर सताने लगा और इसी लिए ऋषि विश्वमित्र के ध्यान को भंग करने के लिए उन्होंने स्वर्ग की खूबसूरत अपसरा मेनका को उनके पास मेनका ऋषि के पास पहुंची और उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने लगे। मेनका की खूबसूरती को देख कर कृषि विश्व मित्र के मन में काम वासना जाग उठी और उनका ध्यान टूट गया। कृषि विश्व मित्र मेनका की ओर और ज्यादा आकर्षित होते थे और इस कारण उनके आजीवन ब्रह्मचर्य की प्रतिज्ञा टूट गयी और तब अपने भगवान से क्षमा मानने और उनका मार्गदर्शन लेने के लिए षि विश्व मित्र ने इस महान मंत्र की रचना की थी। उन्होंने अपने गहरे ध्यान से इस मंत्र को प्रकट किया जिसकी शक्ति चारों वेद, रिग, वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद के ध्यान करने से भी ज्यादा था।

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