मेक्सिको का एक द्वीप जहाँ रहती है सिर्फ गुड़ियाँ
आज हम आपको मेक्सिको की एक खास बात बताते है , अमेरिका का पड़ोसी देश है जहाँ झील के बीचों बीच बना है 1 द्वीप और इस द्वीप पर कोई इन्सान नहीं रहता यहाँ रहती हैं डॉल्स यानी गुडिया।
वो भी हज़ारों गुड़िया। पेड़ो पर लटकी हुई इन गुड़ियाओं को देख कर जो एहसास होता है उसके लिए अंग्रेजी में 2 शब्द हैं क्रीपी और स्पूकी।
कहाँ से आई ये डॉल्स किसने इन्हें लटकाया और क्यों जानेंगे।
अमेरिका के नक्शे को अगर आप देखेंगे तो दक्षिण भाग में मिलेगा 1 देश मेक्सिको , वैसे तो मेक्सिको की जब बात आती है तब ड्रग्स और नाक को समय याद आ जाता है।
लेकिन इसी मेक्सिको में कई प्राचीन सभ्यताएं फली फूली जैसे माया सभ्यता का उदय यहीं हुआ था।
मेक्सिको की राजधानी है मेक्सिको सिटी।
मेक्सिको सिटी के दक्षिण मध्य भाग में स्थित 1 शहर से ताल्लुक रखती है, जिसका नाम है होजिमोको हुचिमको कृषि प्रधान इलाका।
मुख्यत ,यहां लाल, मिर्च, मक्के और टमाटर की खेती होती है।
लंबे समय तक इस इलाके में खेती के जिस तरीके का इस्तेमाल किया जाता था, उसे कहते हैं चिनापा।
इस तरीके का इजाद माया और एस टेक सभ्यता के लोगों ने किया।
इसमें किसी झील या नहर की दलदली जमीन को खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता ताकि जमीन की नमी बनी रह सके।
होची मौकों में ऐसी बहुत सी झीले और नहरे हैं, जिन्हें एस्टेक सभ्यता के लोगों ने बनाया।
इनके बीचों बीच बने चिनांपाअपटाबू का रूप ले चुके हैं। लंबे समय तक चिनापा मेक्सिको में खेती का मुख्य तरीका होते थे।
फिर सब कुछ बदला जब चौदहवीं शताब्दी में स्पेन ने मेक्सिको पर आक्रमण किया।
मेक्सिको में तब एसटेक सभ्यता के लोगों का राज था।स्पेन के राजा ने हर्नांडो कोर्टेज नाम के शख्स को मेक्सिको जीतने की जिम्मेदारी सौंपी।
कोर्टेज ने 1 नया तरीका अपनाया था। तब दरअसल एस्टेक सभ्यता के लोग एक भविष्यवाणी पर यकीन करते थे। जिसके अनुसार पूर्व से एक शख्स आकर उनका उद्धार करता, जिसका रंग गोरा होता। कॉर्टेज ने इसी मान्यता का फायदा उठा लिया और एक एस्टेक कबीले से कर ली।
दोस्ती इसके बाद उसने उनका फायदा उठाकर बाकी कबीलों को दबाना शुरू किया।
जब एसटेक लोगों को उस पर शक हो गया। उसने उनके सरदारों को बंदी बना लिया और बहुत सा पैसा लेकर भाग निकला। इसके बाद वो स्पेन का जंगी बेड़ा लेकर लौटा और धीरे धीरे पूरे एस्टेक इलाके पर कब्जा कर लिया।
उसने लाखों लोग इस मुहिम में मार डाले गए या उन्हें ईसाई धर्म कबूल करने पर मजबूर किया गया बचने के लिए लोगों ने भाग कर दूसरे इलाकों में शरण ली।
इनमें से एक होची मौकों के वो टापू थे, जिन्हें खेती के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
समय बदला सत्रहवी सदी में स्पेन की रुखसती हो गई। फिर अमेरिका और मेक्सिको के बीच युद्ध शुरू हुआ। मेक्सिको का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका के हिस्से में चला गया और बचे कुचे भूभाग को तमाम संघर्ष के बाद 1917 में अपना संविधान मिला।मेक्सिको आजाद हुआ।
अन्तत , लेकिन होची मौके जैसे इलाके भर बाहर ही हुए।खेती के पुराने तरीके नष्ट हो चुके थे।
लिहाजा होची मौकों के द्वीप वीरान पड़ गए।
जो लोग जान बचाकर यहाँ आए थे। मेक्सिको की आजादी के बाद वो भी उन्हें छोड़कर चले गए और यह इलाका चला गया। गुमनामी में इक्कीसवीं सदी में इलाका खबरों में आया।
2000 तीन में होचीमौकोंके द्वीपों को टूरिज्म के लिए खोला गया। तब जो लोग यहां पहुंचे उन्हें एक बड़ा अजीब नजारा दिखाई दिया। पूरे आइलैंड में हजारों डॉल्स रखी हुई थी।
कुछ जमीन पर, कुछ पेड से लटकी हुई।ये डॉल्स आई कहां से ठीक, ठीक साल तो नहीं पता, लेकिन कहानी कुछ यूं है कि बीसवीं सदी में जूलियन नाम का एक शख्स आयलैंड पर आया था।
पूरा नाम था उसका डॉन।
जूलियन सेंटाना बरहरा जूलियन यहाँ क्यों आया, इसका कारण स्पष्ट नहीं है।मान्यताएं कहती हैं कि उसका दिमागी संतुलन ठीक नहीं था। हालांकि संभव है कि किसी दूसरी वजह से वो यहां आ गया हो।
वजह जो भी रही हो। जूलियन अपना परिवार और काम धंधा छोड़कर दीप पर बस गया और यहीं पर खेती कर अपना गुजारा उसने चलाया।
फिर एक रोज उसके साथ एक घटना हो गयी।एक रोज जूलियन जब आराम कर रहा था, उसे एक लड़की की आवाज सुनाई दी जाकर। उसने देखा तो लड़की पानी में डूब रही थी।
जूलियन ने उसे पानी से बाहर निकाला और वो बार बार कुछ बड़बड़ा रही थी।
जूलियन को कुछ और समझ में आया नहीं, लेकिन उसके अनुसार वो बार बार गुड़िया गुड़िया कह रही थी।कुछ देर बाद उस लड़की की मृत्यु हो गई और जूलियन ने उसे वहीं द्वीप पर दफना दिया।
आगे कहानी कहती है कि कुछ दिन बाद जूलियन को पानी के किनारे एक डॉल दिखाई दिया।
उसे याद आया कि डूबने वाली लड़की किसी गुड़िया की बात कर रही थी।
उस बच्ची को न बचा पाने का गिल जूलियन के मन में था। इसलिए उसने उसकी याद में गुड़िया को अपने पास रखा और फिर कुछ रोज बाद उसे एक पेड़ पर टांग दिया।आगे आने वाले दिन जूलियन के लिए और मुश्किल होने वाले थे।बच्ची की मौत का सदमा रह रहकर जूलियन पर हावी होता गया।
नतीजतन उसे लड़की की परछाई और आवाजें सुनाई देने लगी।यह आभास होने लगा।
गहिया उसकी फसल खराब होने लगी। इस समस्या से निजात पाने के लिए जूलियन ने एक तरीका निकाला कि उसने टापू पर गुड़िया इकट्ठा करना शुरू किया। उसे ऐसा लगा कि ऐसा करके लड़की की आत्मा को शांति मिलेगी। वो रोज झील के किनारे जाता और गुड़िया ढूंढता।
ये कवायद कई साल तक यूं ही चलती रही और इस दौरान जूलियन ने बहुत सी डॉल्स इकट्ठा की और पूरे आयलैंड को गुड़ियों से भर दिया। पेड पर लटकी तारों से झूलती गुड़ियां।जिन्हें देख कर
अब कुछ लोग कह सकते हैं कि डरावना एहसास होता है, यह स्पूकी लगता है।
एक दिलचस्प बात यह भी कि यूं गुड़िया बच्चों के खेलने की चीज हैं, लेकिन इन्हें हॉरर से जोड़कर भी देखा जाता है इसी कारण गुड़ियों पर आधारित सैकड़ों हॉरर फिल्में बनती रहती हैं।
बॉलीवुड की बात करें तो पापी, गुड़िया, तातिया, बिच्छू जैसे भूतिया खिलौने से हम सब रूबरू है।
यह आइलैंड पहली बार 1990 के दशक में चर्चा में आया, जब डॉन जूलियन पर बनी 1 डॉक्यूमेंट्री टेलिविजन पर प्रसारित हुई। यह पहला मौका था जब लोगों ने गुडियों वाले आयलंड के बारे में सुना।
ज्यादातर लोगों ने शुरुआत में तो इस पर खूब चर्चा हुई, लेकिन चूंकि ये सोशल मीडिया का दौर था नहीं, इसलिए कुछ समय बाद सब भूल गए। ये आइलैंड दोबारा चर्चा में आया।
साल 2000 के बाद जूलियन की तब मौत हो गई और लोगों ने बताया कि जूलियन की मौत हार्ट अटैक से हुई। ठीक उसी जगह जहाँ जूलियन दावा करता था कि वो बच्चे मिली थी।
इस कहानी के सामने आने के बाद आइलैंड का नाम ही पड़ गया आयलैंड डॉल्स जूलियन अब नहीं हैं, लेकिन हजारों लोग हर साल इस आयलैंड पर गुणियों को देखने आते हैं।
30 40 साल पुराने गुडिया पूरे आइलैंड में फैली हुई है। इतना ही नहीं, टूस जूलियन की याद में नए नए डॉल्स लाते भी रहते हैं, जिसके चलते आयलैंड पर गुणियों की तादाद बढ़ती जा रही है।
एक अनुमान के अनुसार यहाँ पर 6000 से अधिक डॉल्स हैं, जो पेड़ों और लकड़ी से बनी दीवारों पर टंगी है। ज्यादातर मिट्टी से सनी है और विक्षत अवस्था में हैं।
इनमें वो डॉल भी शामिल है, जिससे इस कहानी की शुरुआत हुई थी। कभी जूलियन द्वारा लाई गई वो पहली डाल जो एक बच्ची की थी।