क्या सोनिया गाँधी राजनिति से सन्यास लेंगी

“2004 और 2009 में हमारी जीत के साथ-साथ डॉ मनमोहन सिंह के कुशल नेतृत्व ने मुझे व्यक्तिगत संतुष्टि दी है, लेकिन मुझे सबसे ज़्यादा ख़ुशी इस बात की है कि मेरी पारी भारत जोड़ो यात्रा के साथ समाप्त हुई, जो कांग्रेस के लिए एक ज़रूरी मोड़ साबित हुआ.”

आज ये बयान सुर्खियों में हैं , और ये बयान है कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का  जो उन्होनें रायपुर के कांग्रेस अधिवेशन में दिया है।

 इस बयान के बाद ये कयास लगाए जा रहे  हैं कि क्या उन्होंने  राजनीति से सन्यास लेने का मन बना लिया हैं।

 

पिछले साल के 26 अक्टूबर से मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभाला ।  सोनिया गांधी 22 साल तक इस पद पर काबिज रहीं । जब खड़गे को  सोनिया अध्यक्ष पद  सौप रही थी तब उन्होंने  कहा था कि ज़िम्मेदारी से मुक्त होते हुए उन्हें बहुत हल्का महसूस हो रहा हैं।

सोनिया गांधी  ने रायपुर अधिवेशन  में कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा सफल हुई है , उन्होंने मुश्किल यात्रा को मुमकिन किया । इस  यात्रा ने जनता के साथ कांग्रेस के जुड़ाव और भी मजबूती से दिखाया  है। कांग्रेस ने कमर कस ली है कि देश बचाने के लिए लड़ाई लड़ेंगे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिदायती स्वर में कहा कि मज़बूत कार्यकर्ता ही कांग्रेस की ताक़त हैं  उन्हें अनुशासन के साथ काम करने की ज़रूरत है। जनता तक अपना संदेश पहुंचाना होगा. सोनिया ने अपील की है कि निजी हितों को किनारे रखकर त्याग की जरूरत है। पार्टी की जीत ही देश की जीत होगी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हम कामयाब होंगे।

सोनिया गाँधी पिछले कुछ समय से बीमारी की वजह से कम ही नजर आई अब उनके ताजा भाषण से ये संकेत तो मिलते ही है की वो 24 का चुनाव शायद ही लड़े।

 

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