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ऑस्ट्रेलिया को हरा कर भारत बन सकता हैं नंबर 1

नागपुर के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में भारत और ऑस्ट्रेलिया चार टेस्ट मैचों की सिरीज़ का पहला मैच नौ फरवरी से शुरू हो रहा है।

 टेस्ट क्रिकेट की दो सबसे बेहतरीन टीमों के बीच होने वाले इस मुक़ाबले पर दुनिया भर की नज़रें टिकी होंगी।

यह  सिरीज़ के फ़ैसले से ही जून महीने में होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुंचने वाली दूसरी टीम का फ़ैसला होना है।

सिरीज़ में ज़ाहिर तौर पर भारत का पलड़ा भारी है, क्योंकि घरेलू मैदान पर टीम इंडिया को हराना आसान चुनौती नहीं होती।

घरेलू मैदान पर टीम का रिकॉर्ड दमदार है, बावजूद इसके सच्चाई यही है कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुंचने के लिए ऑस्ट्रेलिया के सामने कहीं आसान चुनौती है. भारत को फ़ाइनल में जगह बनाने के लिए चारों टेस्ट जीतने होंगे।

2019 से भारतीय टीम घरेलू मैदानों पर किसी भी फॉर्मेट में कोई सिरीज़ नहीं हारी है।

जहां तक टेस्ट मैचों की बात है, 2000 के बाद से महज तीन मौके ऐसे आए हैं, जब भारत को घरेलू मैदानों पर टेस्ट सिरीज़ में हार का सामना करना पड़ा है।

एक दशक पहले, एलिस्टर कुक की कप्तानी में इंग्लैंड ने भारत को टेस्ट सिरीज़ में हराया था. इससे पहले 2004-05 में एडम गिलक्रिस्ट की टीम ने भारत को हराया था, 1969-70 के बाद भारतीय मैदान पर ऑस्ट्रेलिया पहली बार कोई सिरीज़ जीतने में कामयाब हुई थी।

इससे पहले 2000 में दक्षिण अफ्रीका की टीम ने भारत के ख़िलाफ़ भारतीय मैदानों पर टेस्ट सिरीज़ जीतने का कारनामा दिखाया था।

इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सिरीज़ में मिली हार के बाद बीते एक दशक से भारतीय मैदानों पर टीम इंडिया ने कोई टेस्ट सिरीज़ नहीं गँवाई है।

रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम लगातार चौथी बार गावस्कर बॉर्डर ट्रॉफ़ी जीतने के इरादे से खेलने उतरेगी।

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