गौतम गंभीर ने राजनिति से सन्यास क्यों लिया
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और ईस्ट दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर ने अचानक राजनीति छोड़ने की घोषणा कर दी। गंभीर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखकर पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद कहा।
गंभीर ने लिखा कि वह अपने क्रिकेटिंग कमिटमेंट्स को पूरा करना चाहते हैं, इस वजह से उनको कार्य से मुक्त किया जाए। वह आगामी लोकसभा चुनावों में अब फिर से नहीं लड़ेंगे। गौतम गंभीर ने अपने पांच सालों का कार्यकाल पूरा कर लिया।
गंभीर के पास अभी क्रिकेट में काम करने के लिए काफी कुछ है। वह राजनीतिक प्रतिबद्धताओं की वजह से क्रिकेटिंग गतिविधियों पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे। गंभीर आईपीएल में केकेआर के मेंटर हैं। उनको लखनऊ सुपर जायंट्स से वापस केकेआर में लाया गया है। वहां केकेआर के साथ वह रहेंगे और टीम को गाइड करेंगे।
आगामी आईपीएल और लोकसभा चुनाव एक साथ हैं। गौतम गंभीर को केकेआर के साथ काम करना है, ऐसे में वह चुनावों में काम नहीं कर पाएंगे और ना ही प्रचार कर पाएँगे। ऐसे में उन्होंने राजनीति को छोड़ने का फैसला ले लिया और अब पूरा समय उनका क्रिकेट के लिए रहेगा। आईपीएल में कप्तानी करते हुए केकेआर को उन्होंने दो बार चैम्पियन बनाया है, अब वह मेंटर के तौर पर टीम के लिए कुछ बड़ा करना चाहेंगे।
गौतम गंभीर कई बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कॉमेंट्री करते हुए दिखाई दिए हैं। ऐसे में उनको आलोचना का सामना भी करना पड़ता था कि राजनीति में उतरकर लोगों की सेवा करने के बजाय कॉमेंट्री में टाइम बिताया जा रहा है। इन सब को देखते हुए शायद गौतम गंभीर ने अपना पूरा ध्यान क्रिकेट और इससे जुड़ी चीजों पर ही लगाने का निर्णय लिया है। अब आलोचकों के पास भी कहने के लिए कुछ नहीं होगा