सिर्फ जल मात्र के उपयोग से दूर हो सकते है ग्रह दोष
ज्योतिष में चंद्रमा, सूर्य, मंगल, बुध, गुरू, शुक्र, शनि और राहु-केतु नवग्रह बताए गए हैं। इस सभी ग्रहों के अलग-अलग फल प्राप्त होते हैं। ग्रहों की शुभ अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करती है। यदि कोई ग्रह नीच भाव में होता है या फिर किसी अन्य ग्रह के साथ मिलकर कोई अशुभ योग बनाता है तो व्यक्ति के जीवन में समस्याएं बढ़ने लगती हैं, इसलिए ग्रहों का अनुकूल होना बहुत ही आवश्यक होता है। लोग ग्रहों की स्थिति को अनुकूल बनाने के लिए कई प्रकार के उपाय करते हैं जो बहुत ही कठिन होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे उपाय भी हैं जो बहुत ही आसान हैं। इन उपायों को करके आप ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पा सकते हैं।
हर एक ग्रह के निवारण के लिए जल है।
चंद्रमा आपका खराब है , शिव जी के ऊपर जल चढ़ाना चालू कर दीजिये। शनि खराब है , पीपल के पेड़ पर आप मीठा जल चढ़ाना चालू कर दीजिये। शुक्र आपका अगर खराब है तो आप मीठा जल जाकर शिव जी के ऊपर चढ़ा ना चालू कर दीजिये। अगर आपका मंगल खराब है तो आप शिवजी के ऊपर चंदन मिलाकर जल चढ़ाना चालू कर दीजिये। गुरु बृहस्पति अगर आपका सही नहीं है तो हल्दी का जल बनाइए और केले के पेड़ में चढ़ाना चालू कर दीजिए। सूर्य अगर आपका सही नहीं है तो सूर्य को जल देना चालू कर दीजिए। आप चांदी के गिलास में पानी पी लीजिये, आपका चन्द्रमा और शुक्र मज़बूत हो जायेगा।
जल हर चीज़ के अंदर तत्व बदल देता है।
आप तांबे के गिलास में पानी पी लीजिये आपका मंगल और आपका सूर्य दोनों अच्छा हो जाएगा। पीतल के गिलास के अंदर पानी पी लीजिये, आपका गुरु बृहस्पति अच्छा हो जायेगा। आप मिट्टी के अंदर पानी पी लीजिये। आपका राहु केतु आपका शनि ठीक हो जाएगा जिनका शनि बहुत खराब है वो स्टील के गिलास में पानी पीना बंद कर दें।