भारत का युवा चीड़ चिड़ा क्यों हो रहा हैं
दुनियां में हर देश की अपनी समस्या और ताकत होती हैं भारत में युवा जनसंख्या सबसे अधिक हैं 2021 के आंकड़ों के अनुसार भारत की जनसंख्या का करीब 53 प्रतिशत आबादी युवा हैं ये अपने आप में एक ताकत के साथ समस्या भी हैं। एक निजी कंपनी स्टडी फाइंड डाट काम एक सर्वे किया हैं जिसमे 1997- 2012 और 1981-1996 ( ज्यादातर अमीर ) के बीच जन्मे बच्चों का सर्वे किया गया हैं। सभी ने सर्वे में इस बात को माना है की उनके लिए असल जिंदगी का सामना करना मुश्किल हो रहा हैं। 26 प्रतिशत से अधिक युवा अपनी शादी तक नहीं संभाल पा रहे हैं उनके लिए शादी एक बोझ हैं । 36 प्रतिशत से अधिक युवा अपने बुजुर्ग मां बाप की देखभाल भी नही कर पा रहे हैं । 19 प्रतिशत युवा सोचते हैं उम्र के साथ यानी 30 साल की उम्र तक धीरे धीरे वो जिम्मेदारी उठाने लगेंगे। ऐसा नहीं है की अमीर युवा संगर्ष नही कर रहे हैं 40 की उम्र में भी रोज मरा के काम के लिए भी परेशान रहते हैं । हमारी युवा बर्न आउट यानी अपने काम में मन ना लगने का शिकार हो रही वो चिड़चिड़े हो रहे हैं हमेशा चिंता के बोझ में डूबे रहते है और मानसिक अवसाद से ग्रस्त हो रहे हैं। 17 प्रतिशत से अधिक युवा बैंकिंग प्रणाली चेक भरने जैसे छोटे काम से भी घबराते हैं , 29 प्रतिशत अपने बच्चों के डायपर भी बदल नही पाते 12 प्रतिशत लोग अपने कपड़े भी आयरन नही कर पाते तो 22 प्रतिशत लोग टैक्स फाइल भी नही कर पाते। रोजमर्रा के काम के आलावा भी बचत करना ,घर खरीदना और नौकरी खोजना एक बड़ी सरदर्दी लगता हैं। करीब 46 प्रतिशत युवा मैगी या सस्ता नूडल खाना पसंद करते हैं क्यों की उन्हे अपने लिया खाना बनाना एक मुसीबत लगता हैं । ऐसे कई कारण है जिससे युवा चिड़चिड़े हो रहे हैं।