संसद में सोनिया गांधी स्मृति ईरानी के बीच हुई नोक झोंक आइए जानते है की सोनिया गांधी का भारतीय राजनीति में क्या महत्व रहा हैं ।
लोकसभा में हुए बवाल के बाद पूरी महिला ब्रिगेड ने एक सुर में बीजेपी पर निशाना साधा है और सोनिया का खुलकर समर्थन किया है. जो विवाद अधीर रंजन चौधरी के एक बयान से शुरू हुआ था, उसकी आंच सोनिया तक आई ।बाद में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ भी उनकी जो कहासुनी हुई, वो चर्चा का विषय रही।
जानकारी के लिए बता दें कि जब सदन की कार्यवाही स्थगित हुई तो बीजेपी नेताओं ने सोनिया के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी थी. विवाद इतना बढ़ गया कि सोनिया को स्मृति से कहना पड़ गया- don’t talk to me. इसके बाद दो से तीन मिनट तक दोनों नेताओं के बीच कहासुनी चलती रही और पूरे विवाद के एक नहीं कई वर्जन सामने आए ।लेकिन इन पहलुओं के अलावा एक बड़ा सियासी संदेश भी स्पष्ट दिख गया पूरा विपक्ष सोनिया गांधी के समर्थन में खड़ा हो गया।
इस नोक झोंक के पीछे जाए तो समझ में आ जाएगा की दोनो नेता आपस में क्यों भिड़े दरअसल कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने खुलासा किया था की केन्द्रीय मंत्री की बेटी गोवा में बिना लाइसेंस के बार चला रही है तो वही सोनिया को लगातार ईडी पूछताछ के लिए बुला रही हैं और कांग्रेस सड़को पर प्रदर्शन कर रही है इससे कांग्रेस और बीजेपी के रिश्ते मौजूदा समय में बेहद खराब हैं ।
सोनिया गांधी की परिवार की विरासत संभाल रही है वो राजीव गांधी की पत्नी और इंदिरा गांधी की बहु रही है उन्होने राजनीति की शिक्षा भी इन्ही दोनो से ली है ।
2004 में जब उनके पास भारत के प्रधानमंत्री बनने का अवसर था तो उन्होने अपनी जगह मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया इससे उनकी त्याग वाली छवि उभर कर आई । हालांकि उन पर ये भी आरोप लगा की यूपीए 1 और 2 में सारे फैसले वही लेती थी मनमोहन एक कठपुतली प्रधानमंत्री रहे । सोनिया उस दौरान यूपीए की अध्यक्षा थी।
सोनिया लबे समय से सक्रिय भारतीय राजनीति का हिस्सा हैं आज भले ही सब बागडोर राहुल के हाथ में हो लेकिन जो मुकाम और हैसियत उन्होने पाई राहुल उनसे कोसो दूर हैं।