शाहरुख खान क्यों भर्ती हुए हॉस्पिटल में
शाहरुख ख़ान की तबीयत खराब होने के चलते उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है ।गर्मी के चलते किंग खान की तबीयत खराब हो गई और वे डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए । जिसके बाद उन्हें अहमदाबाद के केडी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
अहमदाबाद में तापमान इन दिनों 40 डिग्री के पार हैं ऐसे में कहा जा सकता है कि हीट-स्ट्रोक के चलते शाहरुख ख़ान की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें हॉस्पिटल ले जाना पड़ा ।
हीटस्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है जो तब होती है जब आपके शरीर का तापमान 104 डिग्री फ़ारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) से ऊपर हो जाता है। यह आमतौर पर गर्म, आर्द्र परिस्थितियों में अत्यधिक परिश्रम का परिणाम होता है। लक्षणों में भ्रम, दौरे या चेतना का नुकसान शामिल हो सकता है। अनुपचारित, हीटस्ट्रोक से अंग विफलता, कोमा या मृत्यु हो सकती है।
हीटस्ट्रोक और लू लगना एक ही बात हैं रही बात कौन ज्यादा प्रभावित हो सकता है तो लू किसी को भी लग सकती है. लेकिन शिशु और बुजुर्ग विशेष रूप से उच्च जोखिम में हैं क्योंकि उनका शरीर तापमान को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हो सकता है। एथलीटों, सैनिकों और ऐसे व्यवसायों वाले लोग जिनमें गर्म वातावरण में शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है, वे भी हीटस्ट्रोक के प्रति संवेदनशील होते हैं।
अन्य कारक जो हीटस्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाते हैं, उनमें शामिल हैं साथ ही ये भी जानिए इससे बचने के क्या उपाय हैं।
- शराब पीना ।
- पुरुष होना.
- निर्जलित होना .
- ऐसी दवाएं जो आपके शरीर की तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करती हैं, जैसे मूत्रवर्धक, शामक, ट्रैंक्विलाइज़र, या हृदय और रक्तचाप की दवाएं।
- कुछ बीमारियाँ होना जो आपकी पसीना निकालने की क्षमता को प्रभावित करती हैं, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस ।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, जैसे नींद संबंधी विकार या आपके हृदय, फेफड़े, गुर्दे, यकृत, थायरॉयड या रक्त वाहिकाओं में समस्याएँ होना।
- सुरक्षात्मक गियर जैसे भारी या तंग कपड़े पहनना।
- तेज़ बुखार होना .
- मोटापा होना .
- हीटस्ट्रोक का पिछला इतिहास.
- ख़राब शारीरिक कंडीशनिंग या गर्म परिस्थितियों का आदी न होना।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार धूप के संपर्क में आने से सिर, आंखों, स्किन, बालों और होठों पर बुरा प्रभाव नज़र आने लगता है। ऐसे में तेज़ गर्मी से बचने के लिए स्कार्फ, कैप, हैट और छाते का प्रयोग करें। इसके अलावा आंखों को प्रोटेक्ट करने के लिए काला चश्मा ज़रूर पहनें। साथ ही दोपहर के समय बाहर निकलने से भी बचना चाहिए।
- आहार में नींबू पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत और सत्तू जैसे नेचुरल ड्रिंक्स को अपने रूटीन में शामिल करें। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइटस का नियमित स्तर बना रहता है। इसके अलावा मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करनें इससे डाइजेशन बूसट करने में मदद मिलती है।