द्रौपदी के श्राप से कैसे हुई घटोक्तक्ष की मृत्यु
जब घटोतकच पहली बार अपने पिता भीम के राज्य में आया तो उसने अपनी माँ हिडिम्बा की आज्ञा के अनुसार द्रौपदी को सम्मान नहीं दिया। द्रौपदी को यह बात बहुत बुरी लगी और वह गुस्से में उस पर चिल्लाई की। वह एक विशेष स्थान वाली महिला है, युद्धिष्ठर की रानी है और ब्राह्मण राजा की बेटी है।
द्रौपदी ने कहा की घटोत्कच ने उसे महान योद्धा और राजाओं के सामने अपमानित किया है। द्रौपदी ने घटोत्कच को देख काटते हुए कहा की उसका जीवन छोटा होगा और वह लड़ाई के बिना मारा जाएगा। घटोतकच के दो पुत्र थे, बर्बरीक और अंजन। परवाह घटोत्कच का विवाह दैत्यराज मुर की बेटी कामकंटका से हुआ जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने वरदान दिया था की उसके पुत्र बरबरी के युद्ध में अजेय रहेगा। बरबरी महान धनुर्धर थे और तीन बाणों से पूरी सेना को समाप्त कर सकते थे। यह बात जानकर दान में उसका शीश मांग लिया। बाद में श्रीकृष्ण ने कहा की कलयुग में तुम मेरे नाम से पूजे जाओगे। वर्तमान में उन्हें खाटू श्याम कहते है।