नीतीश के पाला बदलने के पीछे क्या है राज
21 महीने बाद नीतीश में कमल को छोड़ फिर से लालटेन को थाम लिया । पिछले 20 वर्षो से वो बिहार के मुख्यमंत्री है मानो इस पद उनका दैवीय अधिकार हो । अपने संख्या बल और सहजता की कभी भी किसी का दामन थाम सकते इस वजह से उन्हें कोई दिक्कत भी नही आती।
भारतीय जनता पार्टी से उनकी तनातनी मोदी युग के आने से ही हैं। इस बार जो वो वापस लालटेन के साथ गए हैं उसकी कवायद कई दिनों से चल रही थी।
इन चर्चाओं को तब और बल मिला की नीतीश कुमार फिर से पाला बदलने जा रहे हैं और इसकी तस्दीक तो उसी दिन हो गई थी कि जब जनता दल यूनाइटेड के अंदर आरसीपी के कथित भ्रष्टाचार की ख़बर आने के बाद आरसीपी सिंह ने जनता दल यूनाइटेड और नीतीश कुमार पर हमला किया।
आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए दो ऐसी बातें कहीं जो खुल्लम खुल्ला नीतीश के विरोधी भी नहीं करते हैं. उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, सात जन्म तक नहीं बन सकते.”
इसके अलावा आरसीपी सिंह ने कहा, “जनता दल यूनाइटेड डूबता जहाज़ है. आप लोग तैयार रहिए, एकजुट रहिए.चला जाएगा.”
वैसे केंद्र में मंत्री रहे आरसीपी भाजपा के ज्यादा ही नजदीक चले गए थे नीतीश ने उन्हें राज्यसभा से भी नही भेजा फिर भी वो मंत्री बने रहे । भाजपा उन्हे मोहरा बना रही है इस बात की भी उन्हें खबर थी फिर पटना में नड्डा का बयान की रहेगी तो बीजेपी ही बाकी सब खत्म हो जाएगी मामले को और गंभीर बना दिया।
राजनीतिक तौर पर उनकी महत्वाकांक्षा देश के शीर्ष पद पर रही है। यही वजह है कि जनता दल यूनाइटेड पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी से गठबंधन से अलग होने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के तमाम गुण हैं।
नीतीश कुमार की राजनीति को नज़दीक से जानने वाले कई नेताओं ने तस्दीक की है प्रधानमंत्री पद की चर्चा होने परे नीतीश कुमार प्रफुल्लित होते रहे हैं. आरसीपी सिंह भी नीतीश कुमार के बरसों तक सबसे क़रीब रहे हैं, ज़ाहिर होता है कि उनके मनोभावों को समझते हुए ही आरसीपी सिंह ने ये निशाना साधा था।
जैसा कि उम्मीद थी कि उनके इन बयानों का जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह ने जवाब दिया. ललन सिंह के प्रेस कांफ्रेंस में भी दो ऐसी बातें हुईं जिससे यह तय हुआ कि बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड की राह जुदा होने वाली है।
बिहार विधानसभा के चुनाव के वक्त ही चिराग के रूप में जेडीयू को नुकसान के पीछे बीजेपी का ही खेल बताया गया।
ममता बनर्जी को विपक्ष की मान्यता अभी तक नही मिली है ऐसे में नीतीश 24 में विकल्प हो सकते हैं। ये भी खबर है की नीतीश जल्द ही तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना कर केंद्र की राजनीति करें।