कबूतरबाजी की दुनिया पर आधारित जितेंद्र कुमार और पूजा भट्ट स्टारर निर्मात्री ख्याति मदान की फिल्म अनाउंस .
पंचायत, कोटा फैक्ट्री, जादूगर, शुभ मंगल ज्यादा सावधान और हाल ही में रिलीज़ भागवत: चैप्टर वन – राक्षस जैसी फ़िल्मों और सीरीज में अपनी सच्ची और दिल को छू लेने वाली अदाकारी से दर्शकों की पसंद बने जितेंद्र, निर्मात्री ख्याति मदान की फिल्म में एक जुनूनी कबूतरबाज़ का किरदार निभाने जा रहे हैं। पूजा भट्ट इस फिल्म में जितेंद्र की माँ की भूमिका निभाते हुए दिखेंगी — एक संवेदनशील और गहरी परतों वाला किरदार। ज़ख्म, तुमन्ना और डैडी जैसी फिल्मों में अपनी सशक्त प्रस्तुतियों के लिए याद की जाने वाली पूजा भट्ट इस फिल्म के साथ एक बार फिर दर्शकों को अपनी भावनात्मक अभिनय क्षमता का एहसास कराएंगी। जितेंद्र कुमार अब एक ऐसी कहानी का हिस्सा बनने जा रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति की उन गलियों से जन्म लेती है जहाँ अब भी छतों पर शामें कबूतरों के पंखों से सजती हैं। इस फिल्म में उनके साथ नेशनल अवॉर्ड विजेता पूजा भट्ट नजर आएंगी .
फिल्म का निर्माण ख्याति मदान की कंपनी नॉट आउट एंटरटेनमेंट के बैनर तले किया जा रहा है। शुभ मंगल सावधान के लेखक और शुभ मंगल ज्यादा सावधान के लेखक-निर्देशक हितेश केवल्या फ़िल्म के सह निर्माता हैं। इस फ़िल्म के बिलाल हसन डेब्यू डायरेक्टर है जिनकी पुरस्कृत शॉर्ट फिल्म चुपचाप को फ़िल्मफ़ेयर में नामांकन भी मिला था। कहानी की पृष्ठभूमि है कबूतरबाज़ी — एक प्राचीन भारतीय परंपरा जहाँ मोहल्लों की छतों पर पाले गए कबूतर आसमान में उड़ते हैं और दिलों को जोड़ते हैं। यह सिर्फ कबूतर उड़ाने का खेल नहीं, बल्कि जुनून, विरासत और रिश्तों की कहानी है। इस अद्भुत परंपरा के बीच बुनी गई यह कथा बेहद मानवीय, भावनात्मक और दिल के करीब है। फिल्म की शूटिंग अगले वर्ष शुरू होगी।नॉट आउट एंटरटेनमेंट लगातार अलग-अलग जॉनर में नया और प्रयोगधर्मी सिनेमा के विषयों पर कई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। कंपनी इस समय अभूतपूर्व का निर्माण कर रही है — 90 के दशक के आगरा में सेट रोम-हॉर-कॉम, जिसमें रित्विक भौमिक और सात बेहतरीन कलाकारों की टीम शामिल है। इसके बाद कंपनी एक हॉरर फिल्म बनाएगी, जो एक वास्तविक राष्ट्रीय त्रासदी से प्रेरित है और जिसमें अहान शेट्टी प्रमुख भूमिका में होंगे।इन फिल्मों के साथ, नॉट आउट एंटरटेनमेंट खुद को नए युग के कमर्शियल सिनेमा में ऐसी आवाज़ के रूप में स्थापित कर रही है, जो ताज़गी भरी कहानियाँ को मौलिक दृष्टिकोण के साथ बड़े परदे तक पहुँचाती है।














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