रानी मुखर्जी ने जीता अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार, भावुक होकर कहा – “यह सम्मान मेरे पिता को समर्पित है”

अपनी 30 साल की अभिनय यात्रा में पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर रानी मुखर्जी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, “मैं सचमुच अभिभूत हूं। यह सम्मान मेरे लिए बहुत मायने रखता है और मैं इसे अपने दिवंगत पिता को समर्पित करती हूं, जिन्होंने हमेशा इस पल का सपना देखा था। आज मैं उन्हें बेहद याद कर रही हूं। मुझे पता है कि यह उनका आशीर्वाद और मेरी मां की प्रेरणा व ताकत है, जिसने मुझे मिसेज चटर्जी की भूमिका निभाने में मार्गदर्शन दिया।”

रानी ने अपने प्रशंसकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मेरे शानदार फैन्स, हर सुख-दुख में साथ देने के लिए धन्यवाद। आपका अटूट प्यार और समर्थन ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रहा है। मुझे पता है कि यह पुरस्कार आप सभी के लिए कितना अहम है, और आपको खुश देखकर मुझे भी अपार खुशी मिल रही है।”

रानी ने निर्देशक असीमा, निर्माताओं निखिल, मोनिषा, मधु और पूरी जी टीम, साथ ही एस्टोनिया और भारत के कास्ट-क्रू का भी धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि कोविड काल की चुनौतियों के बीच यह फिल्म संभव ही नहीं होती अगर टीम ने दिल से मेहनत न की होती।

उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार की ज्यूरी का आभार जताते हुए कहा, “यह फिल्म और यह पल मेरे दिल में हमेशा खास रहेगा।”

रानी ने इस सम्मान को दुनिया की सभी माताओं को समर्पित किया। उन्होंने कहा, मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे की कहानी ने मुझे गहराई से छुआ क्योंकि यह एक प्रवासी मां की अटूट जीवन की दास्तान है, जो अपने बच्चे की रक्षा के लिए हर मुश्किल का सामना करती है। एक मां होने के नाते यह किरदार बेहद निजी था। इस फिल्म के जरिए हमने मातृत्व की शक्ति को सम्मान देने की कोशिश की है और मैं चाहती हूं कि यह याद दिलाए कि हर दिन औरतों के भीतर अपार ताक़त होती है।”

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