बॉर्डर पार की एक आईडी की ऐसी पोस्ट मुझे अपनी फ़ीड में दिखाई दी तो मैं रहमान डकैत की वो हिस्ट्री टटोलने लगा जो फ़िलहाल फेसबुक इंस्टा और यूट्यूब पर नहीं दिख रही थी।
2009 कराची में एक बड़े बिजनेसमैन को धमकी भरा कॉल आया। बिजनेसमैन के पास कुछ एकड़ की ज़मीन थी जिसके बदले में कॉल करने वाला डॉन 12 करोड़ देना चाहता था।
बिजनेसमैन ने समझाया कि भाई इस ज़मीन की कीमत 400 करोड़ है, मैं कैसे 12 में दे दूँ? दूसरी तरफ़ से सिर्फ फ़रमान आया कि ज़मीन तो गई, आ के 12 करोड़ ले जा, वर्ना ये भी जायेंगे।
उस व्यापारी के ढेर रिश्तेदारों में एक रहमान बलोच भी था।
रहमान डकैत ने उस डॉन को फोन किया और समझाया कि व्यापारी मेरा रिश्तेदार है, ज़मीन छोड़ दे।
डॉन ने उल्टा रहमान को उसकी औकात बतानी शुरु कर दी। कहा तू साले छोटा सा लयारी का गुंडा, मैं इंटरनेशनल डॉन, चल निकल खबीज़ के बच्चे!
रहमान ने फोन काटा, रात होने का इंतेज़ार किया और फिर गाड़ियाँ निकालीं और बीच बाज़ार से उस डॉन के छोटे भाई नूरा को उठा लिया और अपने फार्महाउस ले गया। वहाँ से डॉन को phone किया और उसके छोटे भाई नूरा को बाँधकर उसके शरीर में जलती सिगरेट घुसाने लगा।
अब छोटे भाई चीखे तो डॉन की साँस अटके। डॉन बोला कि छोड़ दे तू उसे, मैं ज़मीन छोड़ देता हूँ।
रहमान जो कहा वो अब आप अक्षय खन्ना की आवाज़ में इमैजिन करना, वो बोला “अब तो देर हो गई इंटरनेशनल डॉन, ये मांडवाली तो पहले करनी चाहिए थी!”
वो डॉन इंडिया’ज़ मोस्ट वांटेड दाऊद था।
सीनियर जर्नलिस्ट विवेक अग्रवाल के मुताबिक दाऊद कहता रह गया पर रहमान न माना, कुछ दिन बाद नूरा की बॉडी क्लिफ्टन में पड़ी मिली। खबर उड़ाई गई कि वो किडनी फेल से मरा है।












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