Saturday, November 2, 2024
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रक्षक ही बना भक्षक , जानिए इनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की कहानी

एक दौर था जब मुंबई में अंडरवर्ल्ड का बोलबाला हुआ करता था। फिर एक दौर आया जो उस दौर को खत्म करने में लग गया। मुंबई में ताबड़तोड़ एनकाउंटर हुए। गैंगस्टर का सफाया होने लगा तो पुलिस वालों को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का तमगा मिलने लगा। वो हीरो बनाए जाने लगे। अब तक 56 जैसी फिल्मों बनने लगी। हीरो बनते जा रहे पुलिसवालों ने एक वक्त के बाद लकीरें फकनी शुरू कर दी। मेडल और लोकप्रियता के लिए बेकसूरों के भी सीने में पीतल भरने से उन्होंने गुरैज नहीं किया। ऐसा ही एक नाम प्रदीप शर्मा का है। एक वक्त के हीरो और आज के विलेन क्योंकि बॉम्बे है  कोर्ट ने 19 मार्च को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस अफसर प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा सुना दी है। कोर्ट जज रेपती मोहित डेरे और गौरी गोडसे की बेंच ने फैसला सुनाते हुए प्रदीप शर्मा को 2006 में हुए फेक एनकाउंटर का दोषी पाया और इसी केस में सजा सुनाई गई है। इसके अलावा कोर्ट ने इस एनकाउंटर में शामिल 13 अन्य लोगों को भी उम्रकैद की सजा दी है, जिसमें से 12 पुलिस वाले हैं। मामला क्या था? दरअसल ये फेक एनकाउंटर था। राम नारायण गुप्ता और लखन भैया का। लखन अंडरवर्ल्ड की गैंगस्टर छोटा राजन का सहयोगी माना जाता था। प्रदीप शर्मा पहले इस केस से बड़ी हो गए थे, लेकिन कोर्ट ने सबूतों के मद्देनज़र उन्हें दोषी पाया और सजा सुना दी। यह पहली बार था जब पुलिस अफसरों को फेक एनकाउंटर केस में सजा हुई हो। मामला कुछ ऐसा ही था जब इस केस के बारे में बात की जाती है तो लगता है मानो पूरी प्लानिंग के तहत इसे अंजाम दिया गया था। मुंबई के एक उपनगरीय इलाके में रहने वाले 33 वर्षीय रामनारायण गुप्ता और लखन भैया की 11 नवंबर 2006 को हत्या कर दी गई थी। ये हत्या मुंबई के वर्सोवा में पूरी प्लानिंग के साथ हुई। इसके लिए बकायदा एक स्पेशल जाल बिछाया गया आगे पाया गया की ये फेक इनकाउंटर था । प्रदीप शर्मा पर और भी मामले चल रहे हैं देखना है की उन मामलों में क्या फैसला आता हैं।

महाराष्ट्र में पुलिस का 1983 राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों का बैच सबसे मशहूर हुआ । इस बैच में प्रफुल्ल भोसले, विजय सालस्कर, रवींद्र आंग्रे और असलम मोमिन जैसे ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ कहे जाने वाले पुलिस अधिकारी थे।

प्रदीप शर्मा भी इसी बैच से हैं । इस बैच ने नासिक पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण के बाद 1984 से पुलिस सेवा शुरू की।

प्रदीप शर्मा को पहली बार मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में पुलिस सब-इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था । इसके बाद वह स्पेशल ब्रांच में चले गए । इसके बाद उन्होंने उपनगरीय मुंबई पुलिस स्टेशनों के प्रमुख, अपराध खुफिया में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया।

 

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