कश्मीर में धारा 370 खत्म करने की शुरुआत की आवाज उठाने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी का है आज है जन्मदिन
आज यदि कश्मीर में 370 article नहीं है, दो झंडे नहीं हैं तो इसका श्रेय श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जाता है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य दर्जा देने वाले, संविधान के अनुच्छेद 370 के कट्टर आलोचक थे। आज 6 जुलाई को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 121 वीं जयंती मनाई जा रही है। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही जनसंघ की स्थापना की और आज की भारतीय जनता पार्टी जनसंघ का ही नया रूप है। जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में हुआ था। उनके पिता आशुतोष मुखर्जी एक प्रतिष्ठित वकील थे। उन्होंने 1929 में राजनीति में कदम रखा और बंगाल विधान परिषद के सदस्य बनें।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारत के पहले उद्योग मंत्री थे और उन्होंने ही अखिल भारतीय जनसंघ की स्थापना की। उन्होंने नेहरू-लियाकत समझौते का विरोध किया। दोनों देशों के बीच यह समझौता हुआ था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी इस समझौते के विरोध में थे। उन्होंने इस्तीफा दे दिया और दिन भी वह चुना जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को भारत आना था। मुखर्जी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के भीतर भी नाराजगी उभर कर सामने आ गई। नेहरू की सरकार छोड़ने के बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जुलाई 1950 में दिल्ली में एक बैठक में भाग लिया। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनका स्वागत किया जाता है। हिंदू राष्ट्रवादी युवकों ने उनका स्वागत किया और नारे लग रहे थे नेहरू-लियाकत समझौता मुर्दाबाद।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी संविधान के अनुच्छेद 370 के कट्टर आलोचक थे। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जम्मू में प्रवेश करते वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था और इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुआ। डॉ. मुखर्जी की गिरफ्तारी के 40 दिन बाद 23 जून 1953 को उनकी सरकारी अस्पताल में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो जाती है।
उनकी मौत का राज आज तक नही खुला ।